मैं एक फूल या तराशा हुआ पत्थर या एक वस्तु ना थी , थी एक जीती जागती इंसान जिसमे सांसें धड़कती थीं । क्या था मेरा दोष जिसकी ऐसी सज़ा सामने आई ?या मैं ये समझूँ कि “लड़की” होने की मैंने...
India’s Daughter – Fight for Justice
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मैं एक फूल या तराशा हुआ पत्थर या एक वस्तु ना थी , थी एक जीती जागती इंसान जिसमे सांसें धड़कती थीं । क्या था मेरा दोष जिसकी ऐसी सज़ा सामने आई ?या मैं ये समझूँ कि “लड़की” होने की मैंने...